copyright

नेहरू चौक स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र वैधशाला में 25 नवंबर से 25 दिसंबर तक नाड़ी परिक्षण शिविर का आयोजन, त्रि-दोषों( वात ,पित्त और कफ) की जाएगी जाँच, दिया जाएगा चिकित्सा परामर्श

 



Bilaspur. नेहरू चौक स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र वैधशाला में नाड़ी परिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है. नाड़ी परिक्षण आयुर्वेद की एक पुरानी चिकित्सा पद्धति है. हजारों वर्षों से इसका प्रयोग मनुष्य के रोगों का इलाज करने के लिए किया जा रहा है. आयुर्वेद का अर्थ है जीवन का ज्ञान. आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य के शरीर में तीन प्रकार के तत्व होते हैं- वात, पित्त और कफ.शरीर में इनमें से किसी एक का भी संतुलन बिगड़ने से व्यक्ति बीमार हो जाता है. इसी संदर्भ में यहां लोगो को चिकित्सा परामर्श दिया जाएगा. यह कार्यक्रम केंद्र सरकार के "देश का प्रकृति परीक्षण" अभियान के तहत आयोजित किया जा रहा है. जो कि 25  नवम्बर से 25 दिसंबर तक प्रतिदिन सुबह 10:30 बजे से शुरू हो कर शाम 4 बजे तक चलेगा. 




आयुष मंत्रालय ने 26 नवंबर से देश का प्रकृति परीक्षण अभियान शुरू किया है। एक महीने तक चलने वाले इस अभियान में एक करोड़ परिवारों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान का उद्देश्य पूरे भारत में स्वास्थ्य सेवा जागरूकता में क्रांति लाना है।29 अक्टूबर को पीएम मोदी ने 9वें आयुर्वेद दिवस समारोह के अवसर पर ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ की शुरुआत की थी। इस महत्वपूर्ण अभियान का उद्देश्य पूरे भारत में स्वास्थ्य सेवा जागरूकता में क्रांति लाना है। 





उन्होंने कहा कि किसी की व्यक्ति के स्वास्थ्य प्रकृति को समझना और उसके आधार पर जीवन शैली की सलाह का पालन करने से वे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रख सकते हैं। इससे गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) सहित विभिन्न बीमारियों की रोकथाम में भी मदद मिल सकती है। देश का प्रकृति परीक्षण अभियान आयुर्वेद को हर घर के करीब लाता है, नागरिकों को उनकी अनोखी प्रकृति को समझने और व्यक्तिगत, निवारक स्वास्थ्य प्रथाओं को अपनाने के लिए सशक्त बनाता है।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.