रायपुर. विष्णु देव साय कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है. अब प्रदेश में पहले की तरह महापौर और अध्यक्ष का चुनाव सीधे अपना मताधिकार पर जनता चुनेगी. इस फैसले को कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने 2019 में पलट दिया था. परंतु बीजेपी सरकार द्वारा इसे पुनः लागू किए जाने का फैसला लिया गया है. सीएम साय की अध्यक्षता में हुई बैठक में छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 और नगर पालिका अधिनियम, 1961 में संशोधन को मंजूरी दी गई.
केबिनेट की बैठक में यह भी तय हुआ-
अन्य पिछड़ा वर्ग को मिलेगा अधिक आरक्षण:
पंचायतों और नगरीय निकायों में OBC वर्ग के लिए आरक्षण सीमा 25% से बढ़ाकर 50% तक करने का निर्णय लिया गया। यह संशोधन पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया गया है।
चना वितरण में गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर:
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 30 लाख से अधिक परिवारों को उच्च गुणवत्ता का चना उपलब्ध कराने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम को ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म से चना उपार्जन की अनुमति दी गई।
पर्यटन को उद्योग का दर्जा:
राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया, जिससे साहसिक पर्यटन, जल पर्यटन, मेडिकल टूरिज्म, और एग्रो टूरिज्म को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके जरिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और निवेश बढ़ेगा।