बिलासपुर। भाटिया डिस्टलरी के गंदे पानी से प्रदूषण के मामले में सोमवार को हाईकोर्ट ने कहा कि नदी में केमिकल युक्त पानी रोकने के लिए पर्यावरण संरक्षण मंडल लगातार मॉनिटरिंग करे। कोर्ट ने मंडल को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए सुनवाई बढ़ा दी।
स्वतः संज्ञान याचिका पर डिवीजन बेंच में सोमवार को सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने बताया कि बोर्ड ने नदी के पानी की दो बार जांच कराई। इसमें पानी की गुणवत्ता पहले की अपेक्षा सुधरी है। इस पर कोर्ट ने कहा कि नदी के पानी में प्रदूषण रोकने के लिए विभाग लगातार कार्रवाई और मॉनिटरिंग करे। इस निर्देश के साथ मामले की सुनवाई अगले माह तय की गई है। पर्यावरण मंडल की ओर से पिछली सुनवाई में वकील अमृतो दास ने कोर्ट को बताया था कि डिस्टलरी द्वारा पूर्व में मंडल के नोटिस के बाद जुर्माना पटाने के साथ गन्दे पानी और केमिकल की निकासी नदी में बंद करने की जानकारी दी थी। केमिकल युक्त पानी की रिसाइक्लिंग कर दोबारा उपयोग के योग्य बनाने की व्यवस्था करने के निर्देश भी डिस्टलरी को दिए गए है।
शराब डिस्टलरी का प्रदूषित पानी और केमिकल शिवनाथ नदी में छोड़ने से ग्राम मोहभट्ठा, धूमा में हजारों की संख्या में मछलियाँ और मवेशी मरने पर हाईकोर्ट संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है। कुछ मवेशी के शव नदी किनारे मिले थे। साथ ही इससे फसल और खेतों पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। प्रकरण में मुख्य सचिव, आबकारी विभाग, पर्यावरण विभाग, मुंगेली कलेक्टर, एसपी, आबकारी उपायुक्त को पक्षकार बनाया गया है।