बिलासपुर. मुख्य सचिव के निर्देश पर संभागायुक्त महादेव कावरे ने कोटपा एक्ट को लेकर संभाग के सभी जिलों में प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिला कलेक्टरों और संभाग स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर तम्बाकू और गुटखा के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताते हुए एक्ट का कड़ाई से पालन किए जाने के निर्देश दिए। स्कूलों को तम्बाकू मुक्त परिसर घोषित कराकर प्रमाण पत्र देने को भी कहा है।
बैठक में संभागायुक्त श्री कावरे ने कोटपा एक्ट के प्रावधानों के अनुपालन सहित जिला स्तर पर तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन हेतु जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति की नियमित त्रैमासिक बैठक आयोजित किया जाए तथा जिला अधिकारियों की प्रति सप्ताह ली जाने वाली समय-सीमा की बैठकों में भी इस पर चर्चा किया जाए। जिलों में संचालित सभी शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में सिगरेट एवं तम्बाकू उत्पादों की बिक्री ना हो। इस हेतु सम्बंधित शिक्षण संस्थान के भारसाधक अधिकारियों को निर्देशित किया जाये। इस सम्बंध में संस्था प्रभारी से नियमित रूप से प्रमाण पत्र लिया जावे।
कोटपा एक्ट के प्रावधानों के सतत निगरानी एवं उल्लंघन पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही करें एवं जिला स्तर पर वाट्सएप नम्बर भी जारी किया जावे। जिला स्तरीय प्रवर्तन दलों के माध्यम से सप्ताह में कम से कम एक बार विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण कर कोटपा एक्ट के तहत् निगरानी सुनिश्चित करें एवं समय समय पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व,तहसीलदार द्वारा भी अपने अपने क्षेत्रान्तर्गत के संस्थानों में निरीक्षण कर एक्शन सुनिश्चित करायें। नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता हेतु संचालित वाहनों,रिक्शों व अन्य माध्यमों से तम्बाकू नियंत्रण एवं कोटपा एक्ट के प्रावधानों का निरंतर प्रचार प्रसार कराये जाना सुनिश्चित करें।
स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से तैयार टोबेको मॉनिटरिंग ऐप की समीक्षा कर इसके सुचारु संचालन के लिए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। जिले के समस्त शैक्षणिक संस्थानों में संचालित एनसीसी एवं एनएसएस, समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित नशामुक्ति कार्यक्रम तथा खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा समय-समय पर आयोजित कार्यक्रमों के माध्यमों से तम्बाकू नियंत्रण के प्रचार प्रसार हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित किया जावे। सभी शैक्षणिक संस्थानों में तम्बाकू के सेवन से हाने वाले नुकसान और इसे छोड़ने वाले लाभों के सम्बंध में जागरूकता बढ़ाने हेतु जागरूकता सम्बंधी गतिविधियां आयोजित की जावे। पुलिस महानिरीक्षक व पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया कि वे क्राइम मीटिंग इसे एजेण्डा के रूप में सम्मिलित करते हुए सतत् समीक्षा करें। स्वास्थ्य विभाग, गृह विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा, तकनीकि शिक्षा नगरीय प्रशासन एवं विकास, खाद्य एवं औषधीय प्रशासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, श्रम विभाग, के अधिकारियों का सहयोग भी इसमें लिये जाएं।