रायपुर। छत्तीसगढ़ में कैबिनेट का विस्तार बीरबल की खिचड़ी की तरह हो गया है। लगातार तारीखों और संभावनाओं के बाद हर बार यह टल जाता है। एक बार फिर निकाय चुनाव की आचार संहिता के कारण मंत्रिमंडल का विस्तार टल गया है। बताया जा रहा है कि शपथ के लिए राजभवन को औपचारिक रूप से एक बार सूचित भी कर दिया गया था। मगर अब पार्टी ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
लोकसभा चुनाव के बाद से कई बार ऐसा हुआ है कि नए मंत्रियों के शपथ की तारीख तय होते-होते मामला आगे बढ़ गया। दिसंबर को विस्तार लगभग तय माना जा रहा था। लेकिन सहमति न बन पाने या गुटीय संतुलन न बन पाने के कारण यह नहीं हो पाया। तय हुआ कि पहले नए अध्यक्ष का चुनाव हो जाए, फिर उसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाए।
मगर उल्टा हो गया। किरण को केंद्रीय नेतृत्व मंत्री बनाने की बजाए फिर से पार्टी अध्यक्ष बना दिया, जिसके लिए किरण सिंहदेव अनिच्छा व्यक्त कर चुके थे। दिल्ली से नए मंत्रियों के लिए दो नाम भी तय हो चुके थे। बताया जाता है कि संगठन के कुछ लोगों को इनमें से एक नाम पसंद नहीं था। इसके बाद फिर मंत्रिमंडल विस्तार रोक दिया गया। बताया जाता है कि किरण सिंहदेव का नाम आगे आने के कारण यह टल गया, वर्ना 29-30 दिसंबर को शपथ की पूरी तैयारी हो चुकी थी। राजभवन को भी शपथ के लिए सूचित कर दिया गया था। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव 22 फरवरी को समाप्त होगा। इसके बाद महापौर और जिला पंचायत का गठन होगा। इसके बाद विधानसभा का बजट सत्र आ जाएगा। जानकारों का मानना है कि अप्रैल से पहले अब मंत्रिमंडल का विस्तार संभव नहीं।