copyright

High Court : प्रतिबंध के बाद भी छत्तीसगढ़ में बिक रहा चाइनीज मांझा, मासूम की मौत पर हाईकोर्ट ने उठाए कार्रवाई पर सवाल

 





बिलासपुर।चाइनीज मांझे से रायपुर में मासूम की मौत पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल उठाया कि प्रतिबंध के बाद भी यह राज्य में कैसे बिक रहा है? 


 सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और खतरनाक है। राज्य सरकार के प्रतिबंध के नोटिफिकेशन के बावजूद बाजार में मांझा उपलब्ध हो रहा है? एक 7 साल के बच्चे की जान चली गई और एक महिला अधिवक्ता घायल है। क्यों राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की? कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए मुख्य सचिव को यह भी बताने कहा है कि 7 साल के बच्चे की मौत के बाद उसके परिवार को क्या मुआवजा दिया गया है? कोर्ट ने इस पूरे मामले में पूर्व में हुई घटनाओं के बारे में भी जवाब तलब किया है। 

राजधानी रायपुर के पचपेड़ी नाका में रविवार को 7 साल का बच्चा गार्डन में खेलने जा रहा था। इस दौरान चाइनीज मांझा उसके गले में फस गया और बच्चा लहुलुहान हो गया। आसपास के लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं राजधानी के देवेंद्र नगर में एक महिला अधिवक्ता भी चाइनीज मांझे की शिकार होकर घायल हो गई। इन दोनों मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने इसे जनहित याचिका मानकर सुनवाई की। अगली सुनवाई 29 जनवरी 2025 को तय की गई है।

राज्य सरकार ने पहले ही चाइनीज मांझे के उपयोग और बिक्री पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके बावजूद बाजार में इसकी उपलब्धता प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है। कोर्ट ने इस बात पर गहरी नाराजगी जताई है कि सरकार के आदेशों का पालन सुनिश्चित क्यों नहीं हो पा रहा है। मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने कहा कि चाइनीज मांझे के कारण हो रहे हादसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। कोर्ट ने पूछा कि बाजार में इस प्रतिबंधित उत्पाद की बिक्री पर रोक लगाने के लिए पर्याप्त निगरानी क्यों नहीं की जा रही है।

चाइनीज मांझा नायलॉन और प्लास्टिक से बना होता है, जिसमें कांच और धातु के बारीक टुकड़े होते हैं। यह न केवल मानव जीवन के लिए खतरा है, बल्कि पक्षियों और पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचाता है। यह मांझा ज्यादातर प्रदेशों में बैन है। यह इतना खतरनाक है कि इससे राज्य में ही पहले भी हादसे और मौत हुईं हैं। प्रशासनिक निष्क्रियता के कारण इसके बाद भी प्रदेश में इसकी बिक्री हो रही है।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.