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High Court : हाईकोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम ठगी, पैसे देने वाले पर भी कार्रवाई के निर्देश, कोर्ट ने कहा- दिशा निर्देश के बाद भी लोग झांसे में आ रहे, यह उनकी गलती

 



बिलासपुर । हाईकोर्ट में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने के आरोपी की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। कोर्ट ने इस बात पर दुःख जताया है कि हाईकोर्ट की वेबसाइट समेत जिला न्यायालयों और अन्य समाचार माध्यमों से लोगों को लगातार सचेत किया जा रहा है , फिर भी आमजन इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। चीफ जस्टिस सिन्हा ने कहा कि, इतने पवित्र संस्थान की छवि इस प्रकार के अपराधिक तत्व धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। कोर्ट ने इसके लिए रिश्वत देने वाले को भी जिम्मेदार मानकर उस पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए।


 इस बारे में रजिस्ट्रार जनरल को तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। प्रकरण के अनुसार जय सिंह राजपूत ने ‘बीएनएसएस’ 2023 की धारा 483 के तहत यह प्रथम जमानत आवेदन प्रस्तुत किया था। इसके खिलाफ अपराध दीपका थाने जिला कोरबा में 7.दिसंबर 2024 को संजय दास ने लिखित शिकायत दर्ज करायी थी । इसके आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। दरअसल शिकायतकर्ता दास की आरोपी जय सिंह की बहन  सुमन सिंह राजपूत से स्कूल के दिनों से पहचान थी । फरवरी  2023, में सुमन ने उसे बिलासपुर उच्च न्यायालय में एक क्लर्क के रूप में  सुरक्षित नौकरी दिलाने का दावा किया। दास ने अपने एक  दोस्त अजय पाल से भी चर्चा की ।सुमन और उसके भाई जय सिंह ने इसके लिए शिकायतकर्ता दास से  से 4 लाख,50,000 और अजय पाल से 3 लाख रुपए क्लर्क पद के लिए देने की मांग की।  

उन्होंने एक व्हाट्सएप संदेश भी इन्हें दिखाया जिसमें कथित तौर पर उच्च न्यायालय.ने दस्तावेज मांगे थे। इनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड शामिल थे । 1.03.2023 से 19.सितंबर 2023 के बीच शिकायतकर्ता व उसके साथी ने  कराए गए विभिन्न मोबाइल नंबरों पर 3,67,500, 1,34,500 रुपए फ़ोनपे और र13,000 नकद, ट्रांसफर किये। नौकरी की स्थिति के बारे में पूछताछ करने पर आरोपी ने कहा कि देरी का कारण एक न्यायाधीश का स्थानांतरण है । 

फरवरी 2024 में, शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट आकर जानकारी तो उसको ठगे जाने का एहसास हुआ। इन लोगों ने थाने में शिकायत की।  आरोप है कि सुमन सिंह राजपूत और उसके भाई, जय सिंह ने उससे और अजय पाल से कुल 5, लाख15 हजार रुपये की धोखाधड़ी की है। चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रकरण खारिज कर आम लोगों के हित में ऐसे लोगों से बचने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश रजिस्ट्रार जनरल को दिए हैं ।

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