बिलासपुर। हाईकोर्ट ने लोरमी की एक रेप पीड़िता को गर्भपात करने की अनुमति दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इसके साथ ही डीएनए सैंपल को सुरक्षित रखा जाएगा जब तक की यह मामला कोर्ट में जारी है और इसके खिलाफ पुलिस में क्रिमिनल केस दायर है।
दरअसल याचिका के मुताबिक पीड़िता ने लोरमी थाने में अपने खिलाफ हुए सेक्सुअल हैरेसमेंट की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस मामले में जांच कर रही है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीड़िता ने हाई कोर्ट में पीड़िता ने लगभग 6 माह के गर्भ को गिराने की मांग करते हुए याचिका दायर की है। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने मुंगेली जिले के डॉक्टर से रिपोर्ट मंगाई थी। रिपोर्ट में डॉक्टरों की ओर से कहा गया कि 6 महीने के गर्भ को गिराना खतरे से खाली नहीं है लेकिन डॉक्टरों और परिजनों की उपस्थिति में इसे किया जा सकता है वह भी तब जब इस बारे में कोर्ट गाइडलाइन जारी करें। सुनवाई के बाद जस्टिस विभु दत्त गुरु की सिंगल बेंच ने आदेश जारी किया कि किसी भी रेप पीड़िता को यह छूट मिलनी चाहिए कि वह गर्भधारण करना चाहती है या नहीं। कोर्ट ने इसके साथ ही आदेश दिया है कि पीड़िता को जिला अस्पताल मुंगेली में एडमिट करना होगा। इसके साथ ही प्रशासन को मेडिकल की एक टीम भी नियुक्त करनी होगी। यह टीम सभी शारीरिक जांचों के बाद गर्भपात की प्रक्रिया को पूरी कराएगी।