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लोग गलत तरीके से कमाना चाहते हैं पैसा, हाईकोर्ट ने की कड़ी टिप्पणी और पूछा-महादेव एप के बाद अब तक और किन ऑनलाइन एप पर कार्रवाई की

 



बिलासपुर, 7 अप्रैल। हाईकोर्ट ने गृहसचिव और केंद्र शासन समेत अन्य प्रतिवादियों से ऑनलाइन सट्टा पर शपथपत्र में जवाब तलब किया है। इसमें यह बताना होगा कि महादेव ऐप के बाद इस प्रकार के एप्स के खिलाफ पुलिस ने अब तक कहां और क्या कार्रवाई की है।कोर्ट ने कहा कि लोग आज बगैर मेहनत पैसा कमाना चाहते हैं। केंद्र शासन को भी जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है, अगली सुनवाई 6 मई को निर्धारित की गई है।



बिलासपुर, 7 अप्रैल। सुनील नामदेव ने एडवोकेट अमृतो दास के माध्यम से जनहित याचिका दायर कर प्रदेश में चल रहे ऑनलाइन बेटिंग ऐप का विरोध किया है। पिछली सुनवाई में कोर्ट में यह बात रखी थी कि, छत्तीसगढ़ राज्य ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाता है और प्रतिवादी छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने कुछ दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं जिसमें हाल ही में चल रहे आईपीएल के संबंध में कुछ विज्ञापन शामिल हैं।



 बिलासपुर, 7 अप्रैल। उन्हें निर्देश दिया गया था कि वे इन्हें न्यायालय की रजिस्ट्री में दाखिल करें और इसे  रिकॉर्ड में लाएं, इसकी प्रति संबंधित राज्य अधिवक्ता को भी दी जाए, जो इसका उत्तर भी दे सकते हैं। गृह विभाग के सचिव को मामले में अपना व्यक्तिगत शपथपत्र देने के निर्देश दिए गए थे। शुक्रवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस अरविन्द वर्मा की डीबी में हुई सुनवाई में महाधिवक्ता ने कहा कि शासन ने कई ऐसी वेबसाइट्स और एप को ब्लॉक किया है , जो लोगों को सट्टा लगाने के लिये प्रेरित करते हैं। 



बिलासपुर, 7 अप्रैल।  चीफ जस्टिस ने कहा कि, आज का युग अलग है, अच्छे और बुरे लोग दोनों हैं। शासन का यह दायित्व है कि जिस बात की अनुमति दी है , आप यह  देखें कि लोग उसका गलत इस्तेमाल तो नहीं कर रहे हैं। हमें भी राज्य में यह देखना होगा कि , जो बारीक लाइन है उसे कोई  क्रॉस  नहीं कर सके। बहस के दौरान चीफ जस्टिस ने इस बात का उल्लेख किया कि , सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में विज्ञापनों के गलत दावों पर भी संज्ञान लिया है।

 लोग आज बिना मेहनत के इस तरह के एप से पैसा कमाना चाहते हैं। कोर्ट ने महाधिवक्ता से कहा कि , शासन ने कई प्रकार के बेटिंग एप प्रतिबंधित किये हैं यह अच्छी बात है, मगर अब भी जो एप चल रहे हें उन्हें भी नियंत्रित करन होगा। इस मामले में एक बेटिंग एप को भी पक्षकार बनाया गया है , जो कि राज्य में अभी चलाया जा रहा है। डीबी ने राज्य के गृह सचिव समेत शासन और अन्य प्रतिवादियों से शपथपत्र पेश करने को कहा है , जिसमें इस प्रकार के ऑनलाइन गेम एप के सबंध में जो कार्रर्वाई की जा रही है , उसका उल्लेख किया जायेगा। कोर्ट ने केंद्र शासन को भी जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके लिये 3 सप्ताह का समय निर्धारित किया गया है। अगली सुनवाई 6 मई को तय की गई है।

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